[ad_1]
हिंदुस्तान गांवों का देश है, ऐसे में जब वर्ष 2020 में कोविड महामारी में लॉक डाउन हुआ और लोग अपने-अपने घरों में कैद हुए, तो पंचायत शो के माध्यम से मैंने ही नहीं, देश के दर्शकों ने भी गांव की सैर की, गांव का वह अपनापन, गांव की मासूमियत और गांव में होने वाली राजनीति को एक अलग सटायर और हास्य अंदाज में दर्शकों के सामने जिस तरह से लाया गया, मैं तो शो से काफी प्रभावित रही। खासतौर से सीरीज में जितेंद्र कुमार, रघुवीर यादव, नीना गुप्ता, चंदन रॉय की जोड़ी ने पिछली बार कमाल किया। एक बार फिर से वहीं कलेवर, लेकिन एक नए स्वैग के साथ, इस शो ने दूसरे सीजन के साथ शुरुआत की है, ऐसे में मैं यहाँ बताने जा रही हूँ कि यह सीरीज कैसी है।
कहानी वहीं से शुरू होती है, जहाँ पहले सीजन में अंत हुई थी। फुलेरा गांव और उनके होनहार रखवाले एक बार फिर से सामने हैं। फुलेरा गांव के पंचायत सचिव अभिषेक त्रिपाठी ( जितेंद्र कुमार) को इस बार चाय की तलब लगती है और वह पानी की टंकी पर जाते हैं, जहाँ रिंकी ( सांविका) मौजूद है, फिर अभिषेक को नीचे आते देख, उप प्रधान प्रह्लाद ( फैसल मलिक) और विकास( चंदन रॉय) पूरी फ़िराक में रहते हैं कि कुछ भी करके रिंकी और अभिषेक में नजदीकियां न बढ़ने दें। बहरहाल, कहानी आगे बढ़ती है, अभिषेक के सामने एक से बढ़ कर एक चैलेन्ज आ रहे हैं, लेकिन अब वह चिड़चिड़ाने में नहीं, मुस्कुराने में यकीन रखते हैं। हालाँकि उनकी पढ़ाई जारी है। लेकिन अब वह गांव को कुछ-कुछ समझने लगे हैं। अभी सबसे पहली समस्या तालाब की मिट्टी के बिकने की है, पहले एपिसोड में यही बिल्ड अप कि एक दूसरे प्रधानजी से फुलेरा गांव वाले प्रधान जी की बीवी ने पंगा ले लिया है। लेकिन इसी बीच किस तरह के ट्विस्ट आते हैं, वह देखना दिलचस्प है। इस बार कहानी में कई सारे नए पड़ाव हैं, जिसमें गांव की और खासियत लोगों तक पहुंचेगी। इस बार कहानी में एंट्री हुई है सुनीता राजवर और दुर्गेश कुमार की। दोनों ही गांव में सीसीटीवी लगने के मुद्दे को गुस्से में हैं। क्रांति देवी यानी सुनीता, को भी मंजू देवी ( नीना गुप्ता) की तरह चुनाव लड़ना है। कहानी में यह ट्रैक मजेदार है। इस बार सीजन में गांव में शौचालय की समस्या पर भी प्रकाश डालने की कोशिश की गई है, तो सड़क से लेकर नशा मुक्ति की बातों पर भी चर्चा है। एक और किरदार विधायक चंद्र किशोर सिंह ( पंकज झा) की एंट्री हुई है, वह भी कहानी में एक बड़ा ट्विस्ट लेकर आते हैं।
इस बार के सीजन की खासियत यही है, जो मुझे बेहद पसंद आयी है कि कहानी ने अपना कलेवर में कोई बनावटीपन नहीं लेकर आई है। गांव की समस्याओं में भी किस तरह से गांव वाले मिल कर इसका समाधान निकालते हैं, वह दिलचस्प है। सत्ता का लालच यहाँ भी है, लेकिन किस तरह गांव की राजनीति में छोटे-छोटे मुद्दे हैं और छोटी-छोटी खुशियां हैं, उसे जिस सटायर और हास्य के माध्यम से दर्शाया गया है, उसकी वजह से मैंने तो सीरीज को पूरी तरह से एन्जॉय किया है। कहानी में गांव के छोटे-छोटे न्युएंसेज को पकड़ा गया है, जो गांव से कनेक्टेड दर्शकों को कनेक्ट करेगा। संवाद और वन लाइनर भी कमाल के हैं। सीरीज का क्लाइमेक्स भी काफी इमोशनल कर जाता है।
इसमें कोई शक नहीं है कि शो ने अपने गांव के कलेवर को बरक़रार रखा है, लेकिन कहीं-कहीं कहानी थोड़ी खींची सी लगती है, जिसे और बेहतर किया जा सकता था। इस बार गजब बेज्जती है, जैसे कई संवाद लोकप्रिय हुए थे, इस बार ऐसा कोई पंच आता तो लाजवाब होता।
अभिनय की बात करूँ तो रघुवीर यादव का सिक्का, इस बार भी सब पर भारी पड़ा है , उन्होंने गुस्से से लेकर मस्ती-मजाक और चुटकियां लेते हुए अंदाज को बखूबी दर्शकों के सामने दिखाया है। वहीं जितेंद्र कुमार ने भी अभिषेक के किरदार में खुद को पूरी तरह अब ढाल लिया है। नीना गुप्ता और सुनीता राजवर के बीच के सीन लाजवाब बन पड़े हैं। दुर्गेश कुमार, पंकज झा, चंदन रॉय और फैसल सभी का काम शानदार है। फैसल ने कई बार हंसाते-हंसाते आँखों को नम भी किया है। सांविका ने रिंकी के किरदार में सादगी से काम किया है।
कुल मिला कर, पूरे परिवार के साथ इस सीरीज का मजा लिया जा सकता है, मुझे तो इस सीरीज को देखने के बाद अब अगली सीरीज का भी बेसब्री से इंतजार हो गया है। अगले सीजन में मुझे यकीन है कि और भी किरदार दर्शकों को लुभाएंगे।
In the pursuit of clean, safe drinking water, the role of water purification systems cannot…
Determining the cost of physiotherapy can be an essential factor when you're seeking treatment to…
In today's digital age, mobile applications have become indispensable tools for businesses looking to engage…
When gambling at the casino, it is essential to know which games offer the highest…
Online casinos are a type of gambling whereby players wager on different games utilizing digital…
Forex prop trading firms have become an increasingly popular part of the financial industry. These…